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Friday, February 26, 2010

रोने से गर हर झूठा सचा हो जाता है ,
आंसू बहाने से गर हर कोई अह्चा हो जाता है ,
तो हर बार , हर बात पर हम भी रो दे गे,

रोने से गर हर किसी का दिल ,साफ़ हो जाता है,
किसी का दिल दुखाने का ,गुनाह तक माफ़ हो जाता है,
तो हर बार ,हर बात पर हम भी रो दे गे,

रोने से गर हर कोई ,नरम दिल का कहलाता है,
रोकर गर हर कोई, दर्द का मरहम बन गता है,
तो हर बार हर बात पर, हम भी रो दे गे,

रो देने से गर कोई इंसान, फ़रिश्ता हो जाता है,
रो देने से पाक गर, हर रिश्ता हो जाता है ,
तो हर बार ,हर बात पर हम भी रो दे गे,

रोने से गर टूटे हुए दिल तक जुर जाते है ,
किसी के दिल तक पहुँचने के, रास्ते मुर जाते है,
तो हर बार हर बात पर हम भी रो दे गे,

आंसू बहाने से गर हर गुनाह धुल जाता है,
हर रोज नए गुनाह करने का ,रास्ता खुल जाता है,
तो हर बार हर बात पर हम भी रो दे गे.

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